बोर्डे ने स्पोटर्सक्रीडा से कहा, ” देखिए, अगर आपको याद हो तो हमने उन्हें कप्तान के तौर पर आस्ट्रेलिया दौरे पर भेजा था। उन्होंने वहां टीम की कमान संभाली लेकिन जब लौटकर आए तो कप्तानी नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा था, नहीं मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूं। मैंने उनसे कहा था कि आप कुछ लंबे समय के लिए कप्तानी करें क्योंकि हमें नए कप्तान को ढूंढ़ना होगा।”
पूर्व चीफ सिलेक्टर ने कहा, “लेकिन सचिन ने कहा कि वो अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते हैं क्योंकि वह टीम के लिए वैसा नहीं खेल पा रहा हैं, जैसा वो खेलना चाहते हैं। अंत में हमने गांगुली को कप्तान चुना।”
इससे पहले, पूर्व भारतीय कप्तान क्रिस श्रीकांत ने कहा था, ” गांगुली काफी सक्रिय थे। वह ऐसे खिलाड़ी थे जो टीम संयोजन बनाने की काबिलियित रखते थे। जैसे 1976 में क्लाइव लायड ने विजेता वेस्टइंडीज टीम का संयोजन बनाया था। सौरव ने सही टीम को एक साथ रखा और फिर उन्हें प्रेरित किया। इसलिए गांगुली बहुत सफल कप्तान थे, विदेशी सरजमीं पर भी। उन्होंने विदेशों में जीतना शुरू किया। गांगुली में यह काबिलियत जन्म से ही थी।”